गंडई (केसीजी)। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी करने वाले दो ठगों को गंडई पुलिस ने सायबर सेल की मदद से गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में पांच लोगों से कुल 37 लाख 67 हजार 900 रुपये की ठगी की गई थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की और दोनों आरोपियों को रायपुर और बलौदाबाजार से गिरफ्तार किया।
क्या था मामला?
प्रार्थी संतोष कुमार देवांगन ने बताया कि वर्ष 2022 में उसकी मुलाकात रायपुर में बिशेसर ध्रुव नामक व्यक्ति से हुई, जिसने खुद को मंत्रालय से जुड़ा बताया और सरकारी नौकरी लगवाने की गारंटी दी। उसने शिक्षक पद के लिए 15 लाख, चपरासी के लिए 8 लाख और लेबर इंस्पेक्टर के लिए 20 लाख की मांग की। झांसे में आकर संतोष और उसके रिश्तेदारों – संजू, विद्या, त्रिलोक और विवेक देवांगन ने मिलकर कुल 37.67 लाख रुपये नकद व ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से बिशेसर और उसके साथी भुवनेश देवांगन को दे दिए।
ठगों की सच्चाई का हुआ खुलासा
नौकरी नहीं मिलने पर जब पीड़ितों ने पैसे वापस मांगे, तो दोनों आरोपियों ने बहाने बनाते हुए चेक दिए जो बाद में बाउंस हो गए। पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि भुवनेश देवांगन पहले भी बीजापुर में इसी तरह 38 लाख की ठगी के मामले में जेल जा चुका है।
क्या सीखा जाए इस मामले से?
यह मामला एक बड़ी चेतावनी है कि सरकारी नौकरी का कोई शॉर्टकट नहीं होता। ऐसे लोग जो बड़ी-बड़ी गारंटी और पैसों की मांग करते हैं, अक्सर धोखाधड़ी में लिप्त होते हैं।
जनता से अपील:
•कभी भी बिना सरकारी प्रक्रिया के नौकरी दिलाने के झांसे में न आएं।
•किसी भी अनजान व्यक्ति को पैसे देने से पहले पुलिस या किसी भरोसेमंद अधिकारी से जानकारी लें।
•अगर कोई आपसे नौकरी के बदले पैसे मांगता है, तो तत्काल पुलिस को सूचित करें।
इस मामले में थाना गंडई पुलिस की टीम और सायबर सेल की सक्रियता से आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस का कहना है कि यदि किसी अन्य व्यक्ति को भी इन आरोपियों से संबंधित ठगी की शिकायत हो, तो वे आगे आकर रिपोर्ट करें।
आपका एक कदम ठगों को बेनकाब कर सकता है – सतर्क रहें, सुरक्षित रहें।
