एक बार फिर Chhattisgarh के दंतेवाड़ा बस्तर जिले में फिर धर्मांतरण मुद्दे को लेकर बवाल सामने आ रहा है जहां कौशलनार में शव को दफनाने के लिए लेकर गए ईसाई समाज के लोगों को एक के बाद एक दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से हो रहा है वायरल.
यहां तक की बात सामने आ रही है कि ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को आदिवासी समाज के ग्रामीणों ने 25 से 30 लोगों की संख्या में लाठी डंडों से दौड़ा-दौड़ा कर पीटे ईसाई समाज अपनाने वाले शक्स की मौत हो जाने के बाद वह बॉडी को गांव में दफनाने के लिए लेकर पहुंचे जहां आदिवासी समाज के लोगों ने साफ तौर पर शव को यहां दफनाने से इनकार करते हुए उन्हें वहां से जाने के लिए कहा देखते देखते दोनों समाज के लोग इकट्ठे हो गए और तनाव का माहौल बन गया.
ईसाई समाज वाले शव को दफनाने के लिए ही अड़े हुए थे
आदिवासी समाज के लोग शव को नहीं दफनाने के बाद कर रहे थे उसके बाद दोनों में काफी बहस बाजी हुए और फिर आदिवासी समाज के लोग गुस्से में आकर ईसाई धर्म अपनाए हुए लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगे Chhattisgarh आदिवासी समाज के जो अध्यक्ष है राजा राम तोड़ में उसने साफ तौर पर कहा कि जिसने धर्मांतरण किया है वह अब अपने मूल धर्म में लौट आओ अगर नहीं लौट आओगे.
ऐसे ही माहौल गांव में बना रहेगा आपको बता दे कि यह घटना 23 अगस्त की है जहां मारपीट की बात सामने आई है इसके विरोध में ईसाई समाज के सदस्य ने इकट्ठा होकर सड़क पर उतर आए और धरना दिए और स्पष्ट तौर पर कह रहे हैं कि पुलिस प्रशासन कार्रवाई के नाम पर सिर्फ धक्का मुक्ति का ही केस दर्ज किया है जैसे ही ईसाई समाज के लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटने लगे.
ईसाई समाज जो अपनाए हुए हैं
उसके बाद पूरे ईसाई समाज जो अपनाए हुए हैं वह सभी लोग इकट्ठा होने लगे और दूसरे दिन ईसाई समाज के लोगों ने अपने हाथ में तख्ती लेकर दौड़ा-दौड़ा कर मारने वाले लोगों पर कार्रवाई की मांग को लेकर धरना दिए आपको बता दे की कौशलनार के पास गांव का रहने वाला युवक ने बताया कि हमारे साथ-साथ गांव के बहुत से लोग कई सालों से ईसाई धर्म को मान रहे हैं और मानते हैं.
कुछ दिन पहले ही गांव में रहने वाले सुकालू लेकमी 55 वर्ष मसीह समाज का किसी बीमारी के कारण मौत हो गया इसके बाद परिजन उसके शव को दफनाने के लिए लेकर गए इसी दौरान किसी अन्य समाज के आदिवासी समाज के लोगों को इसके बारे में जानकारी हुआ तो वह जहां दफनाने गए वहां पहुंच गए और शव को यहां नहीं दफनाने की बात को लेकर बहस बाजी करने लगे इसके बाद गांव के सारे लोग एक के बाद एक इकट्ठे होते गए.
गांव से बाहर के भी कुछ लोग वहां पहुंचे
इसके तुरंत बाद ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को चेतावनी दिए कि यहां शव को दफनाने नहीं देना है इस बात को लेकर दोनों पक्षों में काफी विवाद हुआ और जो लड़का है उनका कहना है कि विवाद इतना बढ़ गया था कि गांव वालों ने बाहर से बुलाए लोगों को गुमराह कर हम लोगों के खिलाफ भड़का कर हम सभी को दौड़ा-दौड़ा कर एक के बाद एक हमला किया और यहां तक बात सामने आ रही है की महिला समेत करीब 30 से 40 लोगों की पिटाई किया गया हैं.
इसके बाद सभी अपना जान बचाकर जंगल की ओर भागने लगे शव को तो दफना दिया गया है और जिन लोगों ने ईसाई समाज के लोगों पर मारपीट किए हैं उन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है जैसे ही यह घटना के बारे में पुलिस थाने में पता चला पुलिस फोर्स भी दलबल के साथ पहुंचा.
मामले की जांच करने के बाद कही गई और समाज के सदस्यों ने इस मामले को लेकर Chhattisgarh के दंतेवाड़ा के बाजार स्थल में जाकर धरना दिया और पुलिस प्रशासन को ज्ञापन दिया लोगों ने कहा कि बाहर से लोगों को बुलाया गया है जो गांव में माहौल को खराब कर रहा है और हमारे खिलाफ लोगों को भड़काया जा रहे हैं.
इसी बीच Chhattisgarh युवा मंच के संस्थापक
नरेंद्र भवानी का स्पष्ट कहना है कि गांव में ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों के यह मौलिक अधिकारों को यहां दबाव पूर्वक कुचला जा रहा है और हमें जानकारी मिला तब हम यहां पहुंचे हैं और गांव में कुछ बाहर से बुलाए लोगों को यहां बसा कर रखते हैं और वही लोग लोगों को भड़का रहे हैं जिस कारण ईसाई धर्म को मानने वाले लोगों को दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जा रहा है पूरा फुटेज हम सभी के पास है और भवानी का कहना है कि सारे चीज स्पष्ट होने के बावजूद पुलिस ने सीधे तौर पर धक्का मुक्की का ही केस दर्ज किया है.
आपको बता दे कि कांग्रेस सरकार में भी हमारे समाज के ऊपर अत्याचार हुआ अब भारतीय जनता पार्टी की सरकार में भी यही हाल हो गया है इससे पहले भी कांकेर बस्तर नारायणपुर दंतेवाड़ा जिले में इस प्रकार का मामला बन चुका है लेकिन Chhattisgarh पुलिस प्रशासन के टीम कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है अगर कार्रवाई नहीं होता है तो हम सभी इसी समाज आगे चलकर बड़ा आंदोलन करेंगे.
यह लोग भोले भाले लोगों को वह हमारी संस्कृति को नष्ट कर रहे हैं
ईसाई धर्म की ओर लोगों को भेज रहे हैं और धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं आदिवासी समाज सीधे तौर पर मीडिया के सामने अपना बात रखा है कि बस्तर हमारी संस्कृति का एक हिस्सा है और यहां सीधे-साधे भोले भाले लोग रहते हैं जो रोजी मजदूरी करते हैं लेकिन यहां के लोगों को ईसाई धर्म अपनाने के लिए लोगों को गुमराह करते हैं और कुछ कहने पर यह लोग डर, पैसे का लालच देते हैं.
हम कहते हैं गांव वाले भोले वाले रहते हैं और इन लोगों के बात में आ जाते हैं ऐसे अगर बोले जाए तो पहले कुछ ही ईसाई समाज के लोग यहां थे और देखते ही देखते हैं पूरे गांव में लोग चोरी छुपे चर्च में जाकर इकट्ठा होकर ईसाई समाज का प्रचार कर रहे हैं जिसके कारण गांव में हमारी संस्कृति नष्ट होता नजर आ रहा है अगर ऐसा रहा तो हमारे आदिवासी समाज का क्या होगा और अगर यह लोग ऐसे ही करते रहे तो यहां हमेशा ऐसे ही कोहराम मचा रहेगा हम इस कारण कहते हैं कि जो ईसाई धर्म अपनाया है.
वह अपने संस्कृति मे वापस आए और आदिवासी समाज में ही रहे
Chhattisgarh पुलिस प्रशासन अधिकारी ने कहा है कि कौशलनार की घटना के बारे में हमें प्रतिवेदन मिला है और इसकी जांच की जाएगी और हम आश्वासन देते हैं कि जो भी आरोपी है उस पर कार्रवाई किया जाएगा और कार्रवाई करने के बाद उन्हें जेल भेजा जाएगा और तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए अभी वहां जवानों की ड्यूटी लगाई गई है.
Chhattisgarh – एक के बाद एक आखिर यह धर्म परिवर्तन का मुद्दा देखने को मिल रहा है कांग्रेस शासन में भी यह खुलकर सामने आया था लेकिन अब यही भाजपा शासन ने भी देखने को मिल रहा है भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार में यह धर्म परिवर्तन के मुद्दा को जोरदार उठाया और उठाने के कारण ही इस बस्तर जिले में उन्हें कई विधानसभा में जीत देखने को मिला लेकिन सरकार आने के बाद अब भारतीय जनता पार्टी यह धर्म परिवर्तन की मुद्दे की ओर देख नहीं रहे हैं.
जिसके कारण यह धर्म परिवर्तन मुद्दा पूरे गांव कस्बों में हावी हो गया है और भोले भाले लोग धर्म परिवर्तन करवाने को मजबूर हो गए हैं अब देखना यह है कि सरकार प्रशासन क्या कार्रवाई करते हैं दोनों पक्ष के एक दूसरे के ऊपर एफआईआर दर्ज किए हैं अब फुटेज वीडियो के आधार पर कार्रवाई करने के बाद अधिकारियों ने साफ तौर पर कहे हैं