छत्तीसगढ़ में फार्मासिस्ट ग्रेड-2 की भर्ती प्रक्रिया को लेकर चल रहे विवाद में आज एक महत्वपूर्ण मोड़ आया, जब छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने बी.फार्मा (बैचलर ऑफ फार्मेसी) डिग्रीधारियों को भी इस भर्ती प्रक्रिया में शामिल करने का आदेश जारी किया। साथ ही, न्यायालय ने राज्य शासन को आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाने के निर्देश भी दिए हैं।
गौरतलब है कि नौ वर्षों के लंबे अंतराल के बाद छत्तीसगढ़ व्यापम द्वारा फार्मासिस्ट ग्रेड-2 के 25 पदों के लिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। लेकिन इस भर्ती में केवल डिप्लोमा इन फार्मेसी (D.Pharma) धारकों को पात्र मानते हुए बी.फार्मा डिग्रीधारियों को आवेदन से बाहर रखा गया था। इससे प्रदेश के हजारों फार्मासिस्टों में आक्रोश था। वर्तमान में राज्य में लगभग 35,800 पंजीकृत फार्मासिस्ट हैं और हर वर्ष लगभग 5,000 नए पंजीयन होते हैं।

इस फैसले के खिलाफ इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन (IPA) ने स्वास्थ्य संचालनालय को ज्ञापन सौंपा था, लेकिन विभाग द्वारा सकारात्मक कार्रवाई न होने पर IPA ने उच्च न्यायालय की शरण ली। सुनवाई के दौरान न्यायालय ने आईपीए की दलीलों को स्वीकार करते हुए बी.फार्मा डिग्रीधारियों को भी आवेदन की पात्रता में शामिल करने और आवेदन की तिथि बढ़ाने का आदेश दिया है।
आईपीए प्रदेश सचिव राहुल वर्मा ने बताया कि यह फैसला राज्य के हजारों बी.फार्मा डिग्रीधारी फार्मासिस्टों के लिए बड़ी राहत है। उन्होंने कहा कि अब व्यापम पोर्टल में जरूरी संशोधन कर बी.फार्मा डिग्रीधारियों के लिए आवेदन का विकल्प जोड़ा जाएगा। साथ ही, सभी अभ्यर्थियों को फॉर्म भरने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाएगा।
आईपीए ने बी.फार्मा डिग्रीधारियों से अपील की है कि पोर्टल के अपडेट होने और आधिकारिक सूचना जारी होने तक किसी भी प्रकार से गलत माध्यम से फॉर्म न भरें। जल्द ही आवेदन की नई अंतिम तिथि घोषित की जाएगी।
यह फैसला न केवल तकनीकी रूप से योग्य उम्मीदवारों को न्याय दिलाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि न्यायालय योग्यताधारियों के हक में खड़ा है।






