विश्व हिंदू परिषद मातृशक्ति जिला दुर्ग (छत्तीसगढ़) द्वारा “गुरु पूर्णिमा” के पावन अवसर पर दूसरी बार “मां-बेटी सम्मेलन” का भव्य आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम जिला संयोजिका शशि बंछोर के नेतृत्व में पंचवटी गंजपारा में हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।
इस आयोजन में दुर्ग जिले के अंतर्गत 8 प्रखंडों की माताएं और बहनें बड़ी संख्या में सम्मिलित हुईं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य समाज में मां-बेटियों के बीच बढ़ती दूरियों को कम कर, उनमें स्नेह, विश्वास और संवाद को बढ़ावा देना था। साथ ही महिलाओं को सुरक्षा, आत्मनिर्भरता, पारिवारिक संवाद, सकारात्मक सोच और स्वरोजगार जैसे विषयों पर जागरूक किया गया।
कार्यक्रम में यह संदेश प्रमुखता से दिया गया कि “जब मां और बेटी एक-दूसरी की सहेली बन जाती हैं, तो वे जीवन की हर चुनौती को साथ मिलकर पार कर सकती हैं।”
इस अवसर पर वक्ताओं ने यह भी कहा –
“नारी हर रूप में सेवा करती हैं और अपने कर्तव्यों को पूरी निष्ठा से निभाती हैं।”
“नारी किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं है।”
“मां-बेटी का रिश्ता केवल खून का नहीं, बल्कि विश्वास और संवाद का भी होता है।”
सामाजिक उत्तरदायित्व का निर्वहन:
सम्मेलन के दौरान दिव्यांगजनों को 3 व्हीलचेयर भेंट स्वरूप प्रदान की गई। इसके अलावा मातृशक्ति सत्संग मानस मंडली को रामायण और वाद्य यंत्र भेंट किए गए। इस अवसर पर विहिप की पद्धति से सत्संग का संगठन विस्तार करने का संकल्प भी लिया गया।
विशिष्ट उपस्थिति:
कार्यक्रम में क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री जितेंद्र पवार, प्रांत मंत्री श्री विभूति नारायण पांडे, प्रांत सह मंत्री श्री नंदू राम, विभाग संगठन मंत्री श्री कन्हैया कुंदन, विभाग मंत्री श्री अनिल गुर्जर, जिला उपाध्यक्ष डॉ. मानसी गुलाटी समेत कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे।
महिला नेतृत्व की सशक्त भागीदारी:
दुर्ग जिले से जिला संयोजिका शशि बंछोर, सत्संग प्रमुख लीना साहू, संपर्क प्रमुख सरिता अग्रवाल, प्रखंडों से मंजू तांडी, अंजलि पटनायक, नम्रता बंसोड़, रश्मि वर्मा, पुष्पा सिंग, पी. लक्ष्मी, गीता दुबे, कुसुम, कुमारी, नम्रता चंद्राकर, नेहा, सुनीता सहित सैकड़ों बहनों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
