खैरागढ़, 20 जुलाई।वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए घरेलू बिजली दरों में हुई बढ़ोतरी को लेकर खैरागढ़ में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विधायक प्रतिनिधि मनराखन देवांगन ने प्रदेश सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि “महंगाई से त्रस्त जनता को राहत देने की बजाय सरकार ने बिजली दरें बढ़ाकर उनके कंधों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है।”
देवांगन ने आरोप लगाया कि सरकार जनहित की बात करने की बजाय आम आदमी की जेब काट रही है। उन्होंने बिजली दरों में हुई वृद्धि के आंकड़े साझा करते हुए बताया कि पहले 100 यूनिट तक की दर 3.90 रुपये थी, जो अब 4.10 रुपये कर दी गई है। इसी तरह 200 यूनिट पर दर 4.10 से बढ़कर 4.20, 400 यूनिट पर 5.50 से 5.60 और 600 यूनिट पर 6.50 की जगह अब 6.60 रुपये प्रति यूनिट हो गई है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह बढ़ोतरी जल्द वापस नहीं ली गई, तो वे जनता के साथ मिलकर सड़क पर उतरकर उग्र आंदोलन करेंगे।
स्थानीय उपभोक्ता दीपक देवांगन ने भी बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “समय पर मीटर रीडिंग नहीं होती, बिलों में गड़बड़ी आम बात है और अब दरें भी बढ़ा दी गईं। इससे आमजन की परेशानियां दोगुनी हो गई हैं।”
खैरागढ़ के ग्रामीण और शहरी इलाकों में बिजली की अनियमित आपूर्ति से लोग परेशान हैं। कहीं सुबह तो कहीं रातभर अंधेरा छाया रहता है। छात्र मोमबत्ती की रोशनी में पढ़ाई करने को मजबूर हैं, दुकानदार मोबाइल की रोशनी में सामान बेच रहे हैं, और बुजुर्ग व बच्चे गर्मी और उमस से बेहाल हैं। लोगों का आरोप है कि जहां एक ओर वीआईपी क्षेत्रों और सरकारी दफ्तरों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति हो रही है, वहीं आम जनता को घंटों की कटौती झेलनी पड़ रही है।
जनता सवाल कर रही है कि क्या यही “जनसत्ता का न्याय” है? उपभोक्ताओं का कहना है कि विभाग से शिकायत करने पर एक ही जवाब मिलता है — “लाइन में फॉल्ट है, सुधार कार्य चल रहा है”, लेकिन यह “फॉल्ट” महीनों से ठीक नहीं हो रहा। अब लोग पूछ रहे हैं कि यह तकनीकी समस्या है या सरकार की प्राथमिकताओं में आमजन का स्थान ही नहीं रह गया है।
मनराखन देवांगन ने अंत में कहा, “अगर सरकार ने समय रहते फैसला नहीं बदला, तो यह आंदोलन जनांदोलन बनेगा। हम जनता के हक की लड़ाई सड़कों से सदन तक लड़ेंगे।”
