खैरागढ़। नर्मदा से महज 12 किलोमीटर दूर ग्राम पयलीमेटा में स्थित “गोपाल ब्लड कलेक्शन सेंटर” इन दिनों गंभीर आरोपों की चपेट में है। जांच में सामने आया है कि यह सेंटर बिना किसी वैध लाइसेंस के ब्लड कलेक्शन और पैथोलॉजी जांच जैसे संवेदनशील कार्य कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि अस्थायी अनुमति के नाम पर यह सेंटर न केवल अवैध रूप से खून एकत्र कर रहा है, बल्कि उच्च गुणवत्ता की मशीनों का उपयोग कर खुद ही रिपोर्ट भी तैयार कर रहा है – वह भी बिना किसी प्रमाणित पैथोलॉजिस्ट या टेक्नीशियन के।
फर्जी रिपोर्टिंग का खेल, खतरे में जानें:
सूत्रों की मानें तो इस केंद्र से तैयार की जा रही रिपोर्टों में कई बार गंभीर त्रुटियाँ सामने आई हैं, जिसके चलते मरीजों का गलत इलाज हुआ है और उनकी स्थिति बिगड़ी है। यह सेंटर न केवल मेडिकल एथिक्स का उल्लंघन कर रहा है, बल्कि सीधे तौर पर आम जनता के स्वास्थ्य और जीवन से खिलवाड़ कर रहा है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही:
स्थानीय लोगों का आरोप है कि “गोपाल ब्लड कलेक्शन सेंटर” की अवैध गतिविधियों की जानकारी स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को होने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इससे सवाल उठता है कि क्या स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी भी इस गोरखधंधे की साझेदार है?
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि उक्त सेंटर की गहन जांच कर तत्काल उसे सील किया जाए, साथ ही इसमें शामिल लोगों के खिलाफ आईपीसी की धाराओं के तहत सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। स्वास्थ्य विभाग को भी स्पष्टीकरण देना चाहिए कि आखिर बिना लाइसेंस के इस तरह की गतिविधियों को किस आधार पर नजरअंदाज किया जा रहा है।
ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाल स्थिति और प्रशासन की चुप्पी इस अवैध लैब के फलने-फूलने की वजह बन चुकी है। यदि समय रहते कठोर कदम नहीं उठाए गए, तो यह सेंटर भविष्य में किसी बड़े हादसे का कारण बन सकता है।
